स्वामी को जीत का ‘प्रसाद’ मिलने में संशय, अपनी ही सीट पर फंसे ‘चुनाव जिताऊ’ नेता
चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर चर्चा बटोरने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य खुद को पार्टियों के लिए ‘चुनाव जिताऊ’ नेता बताते रहे हैं। मायावती से लेकर भाजपा तक को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाने का दम भरते रहे हैं। लेकिन वह कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट पर अपने ही चुनाव में फंसते दिख रहे हैं। पडरौना सीट से मौजूदा विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बार अपनी सीट बदली है। फाजिलनगर में उनका सामना भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से हो रहा है, जो दो बार के विधायक गंगा सिंह कुशावाहा के बेटे हैं। गंगा सिंह ने 2017 में इस सीट पर 48 फीसदी वोट पाकर जीत दर्ज की थी।
सुरेंद्र कुशवाहा पिछड़ी बिरादरी से आते हैं, जबकि स्वामी प्रसाद पिछड़े वर्ग का खुद को नेता बताते हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि जनता किस पिछड़े नेता को चुनावी जंग में अगड़ा बनाती है। लेकिन यह तो तय है कि भाजपा की ओर से भी ओबीसी कैंडिडेट देने से वोटों का बंटवारा होगा। लेकिन इस चुनाव में एक्स फैक्टर बनकर उभरे हैं बसपा के उम्मीदवार इलियास अंसारी। वह लंबे समय तक सपा में रहे हैं, लेकिन स्वामी प्रसाद के फाजिलनगर आने से उनका पत्ता कट गया था। इसके बाद उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और हाथी पर सवार हो चुनाव में उतर पड़े हैं।