झबरेड़ा::- कस्बा व क्षेत्र से महिला पुरुष व बच्चे जाहरवीर गोगा की पूजा के बाद बागड़ यात्रा के लिए हुए रवाना
झबरेड़ा। कस्बे तथा ग्रामीण क्षेत्र से दो दर्जन महिला पुरुष व बच्चे पूजा पाठ के बाद बागड यात्रा जो राजस्थान के हनुमानगढ़ में जाहरवीर का मंदिर स्थित है वहां जाकर प्रसाद चढ़ाने के लिए ढोल नगाड़ों के साथ प्रस्थान किया गया जाहरवीर की जय गोगा वीर की जय बागड़ वाले की जय के नारों के साथ कस्बा झबरेड़ा व ग्रामीण क्षेत्र से 2 दर्जन बच्चे महिला व पुरुष जाति ढोल नगाड़े बजाते हुए नाच गाने के साथ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित गोगा वीर के मंदिर में प्रसाद व छड़ी चढ़ाने के लिए यात्रा का शुभारंभ किया गया।
गोगा पीर के पुजारी भगत सुंदर कश्यप का कहना है कि जाहरवीर का मंदिर राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ में स्थित है प्रतिवर्ष कस्बे व ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ो की संख्या में लोग गोगा वीर के मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं गोगा वीर को भगवान शिव का अवतार माना जाता है हनुमानगढ़ के पास जाहरवीर का प्राचीन बहुत विशाल मंदिर स्थित है मंदिर में जो भी प्रसाद चढ़ाने के लिए जाता है उसे जाति कहा जाता है गोगा वीर मंदिर में जाने वालों के घर पूजा पाठ के बाद हरियाली तीज के दिन गोगा वीर की मूर्तियां स्थापित कर एक बांस की छड़ी जिसे निशान कहा जाता है उस पर खजूर से बने हाथ के पंखे तथा नीले पीले कुछ कपड़े बांधे जाते हैं हरियाली तीज से अगले दिन पूजा पाठ के बाद कस्बे में स्थित गुरु गोरखनाथ का मंदिर भूमिया खेड़ा गोगा वीर की महाडी तथा भगवान शिव मंदिर में माथा टेक पूजा पाठ करने के बाद यात्रा के लिए प्रस्थान किया जाता है गोगा वीर मंदिर में जो भी जाति जाता है उसे पीले कपड़े पहनने पड़ते हैं तथा कंधे पर बांस की छड़ी जिसे निशान कहते हैं रखा जाता है तथा गले में पीले रंग की झोली डाली जाती है जिसमें चने की दाल तथा प्याज प्रसाद के रूप में होती है राजस्थान हनुमानगढ़ में स्थित गोगा वीर मंदिर में जाने पर और स्नानादि करने के बाद हलवे तथा चने की दाल व प्याज का प्रसाद का भोग भगवान जाहरवीर गोगा जी को लगाया जाता है मंदिर से वापस आने के बाद एक बड़े भोज का आयोजन किया जाता है जिसे कंदूरी कहते हैं इस प्रक्रिया में तीन से चार दिन लग जाते हैं यह यात्रा जाति द्वारा नंगे पैर करनी पड़ती है जब तक मंदिर में जाने वाला जाती घर वापस नहीं आता आता तब तक सुबह शाम दोनों समय ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं तथा महिलाएं जाहरवीर की जय गोगा वीर की जय के जयघोष लगाते हुए गीत गाकर नाच गाना करती है किवदंती है कि वहां जाने वाले की इच्छा पूरी होती है वहां जाने वाले अपनी इच्छा अनुसार मन्नत मांगते हैं इच्छा पूरी होने पर राजस्थान में स्थित मंदिर में प्रसाद चढ़ा कर अपने घर आने के बाद भोज जिसे कंदूरी कहीं जाती है दिया जाता है इसके बाद प्रति वर्ष घर पर ही भगवान गोगा वीर का पूजा पाठ किया जाता है।