झबरेड़ा::-दाह संस्कार के लिए कस्बे में लकड़ी न उपलब्ध होने पर लोग हो रहे परेशान , पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ गौरव चौधरी ने नगर पंचायत से लकड़ियां उपलब्ध कराने की कि मांग
झबरेड़ा। कस्बे में मृतक के दाह संस्कार करने के लिए लकड़िया उपलब्ध न होने से कस्बे वासियों के सामने बड़ी समस्या बन गई है पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर गौरव चौधरी ने नगर पंचायत झबरेड़ा से सुखी लकड़िया उपलब्ध कराने की मांग की है।
पूर्व नगर पंचायत झबरेड़ा अध्यक्ष डॉक्टर गौरव चौधरी डॉक्टर जोध सिंह वर्मा चौधरी बिरम सिंह इंद्रेश कुमार अनुज कुश आदि का कहना है कि कस्बे में लकड़ी आरा मशीन नहीं होने के कारण कस्बे वासियों को किसी भी काम के लिए लकड़ी मंगलौर से लानी पड़ रही है क्योंकि कस्बे से 10 किलोमीटर दूर हैउन्होंने बताया कि कस्बा झबरेड़ा में दिसंबर तथा जनवरी माह में लगभग 20 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है जिस परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु होती है उसे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है ऊपर से कस्बे में दाह संस्कार के लिए लकड़ीया उपलब्ध न होने से उसे परिवार की परेशानी और बढ़ जाती है लकड़िया लाने के लिए ट्रैक्टर बोगी लेकर मंगलौर जाना पड़ता है पूर्व में किसानों के खेतों में आम शीशम तथा यूके लिपस्टिक के पेड़ बहुत मात्रा में हुआ करते थे तेज हवा चलने से कुछ पेड़ टूट कर गिर जाते थे जिन्हें किसान व मजदूर अपने मकान की छत पर रख देते थे जो समय आने पर काम में आ जाते थे लेकिन इस समय किसानों के खेतों में आम शीशम तथा यूकेलिप्टस के पेड़ न के बराबर रह गए हैं इस समय किसानों के खेतों में मात्र पॉपुलर के पेड़ दिखाई देते हैं साथ-साथ पूर्व में किसानों व मजदूरों के यहां पशु भी अधिक होते थे उनके गोबर से उपले बनाए जाते थे दाह संस्कार में उपले का भी प्रयोग किया जाता था अब पशु भी कम हो गए हैं जिससे कस्बे वासियों के सामने मृतक व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए भी परेशानी उठानी पड़ रही है पूर्व में किसानों के यहां गोबर के उपले तथा लकड़िया होने से वह दूसरों के काम भी आ जाती थी डॉ गौरव चौधरी ने नगर पंचायत झबरेड़ा से लकड़िया उपलब्ध कराने की मांग की गई है नगर पंचायत झबरेड़ा अधिशासी अधिकारी रमेश दत्त पाठक का कहना है कि कड़ाके की ठंड होने के कारण कस्बे में अलाव जलाने के लिए लकड़ी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो रही है ऐसे में दूसरे कार्य के लिए लकड़ी उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है।